मुंबई में किसी ने कुत्ते-बिल्लियों को कुचला तो कोई मर्डर का सुपारी दे डाला

 



मुंबई: बेजुबानों में भी जान होती हैं। जो इनकी खामोश जुबान को सुन लेते हैं वे इन्हें अपना मानने लगते हैं और जो इनकी जुबान को सुनने में असफल रहते हैं वे इनके जानी दुश्मन बन जाते हैं। आलम यह है कि मुंबई जैसे मेट्रो सिटी में भी आए दिन कुत्ते, बिल्लियों, घोड़े, बंदरों आदि जानवरों पर जुल्म ढाने की घटनाएं सामने आते रहती हैं। कहीं घोड़े को बेरहमी से मारे पीटे जाते हैं तो कहीं कुत्ते को स्कॉर्पियो से कुचल दिया जाता है। यहां तक कि साढ़े चार हजार में कुत्ते को मारने की 'सुपारी' दी जाती हैं। हालांकि, इन बेजुबानों के लिए काम करने वाली संस्था 'पेटा' से जुड़ी गरिमा ओजस बताती हैं कि 60% ऐसे लोग हैं जो अपने घरों में पत्नियों या रिश्तेदारों को पालतू जानवरों को मारने या उसे घर से बाहर फेंक देने की धमकी देते हैं, जो चिंता का विषय है। वहीं, पुलिस अधिकारी सुधीर कुडालकर, पूर्व टेनिस खिलाड़ी मेघा वखेड़िया, तुषार गोगिया, विजय मोहनानी, डॉ.ज्योत्सना जगरानी, डॉ.नंदनी कुलकर्णी, अजय शाह और दर्शन सोनी जैसे कई पशु प्रेमी हैं, जो इन बेजुबानों को बेहतर जीवन और इन्हें हक दिलाने के लिए रोजाना संघर्ष करते हुए दिखाई देते हैं। मुंबई में 1.64 लाख आवारा कुत्ते हैं।

बेरहमी के बड़े मामले
समता नगर पुलिस ने पशु प्रेमी वकील निधि हेगड़े की शिकायत पर एक स्कॉर्पियो चालक के खिलाफ कुत्ते को कुचलने और वकील समीर काजी की शिकायत पर एक ऑटोचालक के खिलाफ पालतू कुत्ते पर जानलेवा हमला करने के मामले में केस दर्ज किया था। ये घटनाएं कांदिवली के लोखंडवाला में घटी थी। विलेपार्ले पुलिस ने वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर आयोजित होने वाले घोड़ा-गाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का भंडाफोड़ किया था। पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) की शिकायत के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया। आरोप लगा था कि कई लोग घोड़ों को बेरहमी से मारते और पीटते हुए भीड़ भाड़ वाली सड़कों पर घोड़ा गाड़ी चलाते हैं। बांगुर नगर पुलिस ने एक आवारा कुत्ते पीट-पीटकर मार डालने के आरोप में भीमा को पशु क्रूरता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। एनिमल एक्टिविस्ट 69 वर्षीय डॉ.नंदनी कुलकर्णी की शिकायत पर एवरशाइन नगर में घटी घटना का संज्ञान लिया था। तो वहीं एक अन्य घटना में कांदीवली पुलिस ने कुत्ते के एक बच्चे को कार से कुचल देने के आरोप में पशु प्रेमी दर्शन सोनी (48) की शिकायत पर पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं के तहत 30 साल के कुणाल रुपाणी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे अरेस्ट किया था।

बंदरों को बनाया था कमाई का साधन
मुंबई के विभिन्न सिग्नलों पर बंदरों का तमाशा दिखाकर उसके जरिए भीख मांगने वाली नाबालिग लड़की के खिलाफ पशु प्रेमी ममता कटारिया की शिकायत पर कांदिवली पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को बाल सुधार गृह में भेज दिया था। आरोपी चेन्नई से प्रति बंदर पांच हजार रुपये में खरीद कर मुंबई लाकर उससे तमाशा करवाती थी। नाबालिग बेटी को देखकर कुत्ता भूंकने लगा। इससे नाराज होकर भगत सिंह नगर निवासी पिता इमरान शाह ने उसकी डंडे से जमकर पिटाई की और बेसुध कुत्ते को गाड़ी में बांधकर उसको गोरेगांव माइंड स्पेस के पीछे की खाड़ी में फेंक दिया। वहां कुत्ते ने दम तोड़ दिया। बांगुर नगर पुलिस केस दर्ज कर इमरान को गिरफ्तार किया था।

कुत्तों के साथ बिल्लियों पर जुल्म
पशु प्रेमी अजय शाह की शिकायत पर मालाड पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ काले और भूरे रंग की दो बिल्लियों की पूंछ काटने का मामला दर्ज किया था। बताया जाता है कि बिल्लियों को खाना खिलाने से कुछ लोग नाराज थे। कुत्ते एवं बिल्लियों के साथ यौन संबंध बनाने और अश्लील हरकत करने के आरोप में पशु प्रेमी विजय मोहनानी (45) की शिकायत पर डीएन नगर पुलिस ने जुहू गल्ली निवासी 68 वर्षीय बुजुर्ग अहमद शाही के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था।समता नगर पुलिस ने लोखंडवाला निवासी जानकी उदमाले की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ 15 पिल्लों में से 5 पिल्लों को जहर देकर मारने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बांद्रा पुलिस ने पशु प्रेमी डॉक्टर ज्योत्सना जगरानी की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ 3 बिल्लियों की हत्या और 2 बिल्लियों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस अधिकारी वैभव जगताप के मुताबिक, सभी बिल्लियों को पशु प्रेमी डॉक्टर जगरानी पालती थीं।

बेजुबानों पर अत्याचार के क्या हैं प्रावधान?
पालतू पशुओं को मारने पीटने पर दोषियों के खिलाफ आईपीसी और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 (पीसीए) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाता है। आईपीसी धारा 428 में पशुओं को मारना और जहर देना या अपाहिज करने पर 2 साल की कैद या दंड अथवा दाेनों की सजा हो सकती है। आईपीसी की धारा 429 में पशुओं को मारने, जहर देना या अपाहिज कर देने पर 5 साल की सजा या दंड या फिर दोनों हो सकमे हैं। पीसीए एक्ट 1960 पशुओं के साथ क्रूरता किए जाने पर 3 माह की सजा का प्रावधान किया गया है।


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