घाटी को दहलाने की थी साजिश! सेना ने TRF कमांडर समेत छह आतंकियों को ऐसे किया ढेर
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में जारी दो भीषण मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने रविवार को द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के कमांडर सहित दो और आतंकियों को मार गिराया। मारा गया टीआरएफ कमांडर आदिल हुसैन वर्ष 2022 में शोपियां में सेब के बाग में कश्मीरी हिंदू सुनील कुमार की टारगेट किलिंग सहित दर्जनों वारदात में शामिल था।
वहीं, जम्मू संभाग के राजौरी जिले में रविवार तड़के आतंकियों के एक दल ने प्रादेशिक सेना के शिविर पर हमला कर दिया। इस हमले में एक जवान घायल हुआ है। सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकी भाग निकले। आतंकियों की तलाश में अभियान शुरू कर दिया गया है। कुलगाम में दोनों मुठभेड़ शनिवार दोपहर को शुरू हुई थीं। एक मुठभेड़ चिन्नीगाम और दूसरी कुलगाम से करीब चार किमी दूर मोदरगाम में चल रही है।
मोदरगाम में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। जैसे ही सुरक्षाबल ने आतंकियों के ठिकाने की घेराबंदी की तो भीतर छिपे आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी थी। शनिवार को दोनों तरफ से गोलीबारी होती रही, लेकिन कोई आतंकी नहीं माया गया।
रविवार को प्रहार तेज करते हुए सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। मारे गए दोनों आतंकी शोपियां जिला के रहने वाले हैं। इनमें एक लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ का कमांडर आदिल हुसैन वानी और दूसरा उसका साथी फैसल बशीर लोन शामिल है। आदिल सुरक्षाबलों और नागरिकों पर हमलों सहित कई जघन्य वारदात में शामिल था। वह युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने और आतंकी संगठन में भर्ती करने में भी लगा हुआ था। सुरक्षाबलों को आदिल की काफी समय से तलाश थी।
वहीं, कुलगाम के चिनीगाम में शनिवार को मारे गए चारों आतंकियों की पहचान भी हो गई है। उनमें जाहिद डार, तौहीद राथर, यवार बशीर डार और शकील अहमद वानी सभी निवासी कुलगाम शामिल हैं। ये सभी हिजबुल के आतंकी थे। सूत्रों के अनुसार, यहां घेराबंदी में फंसा हिजबुल कमांडर फारूक नली भाग निकला है, जिसकी तलाश की जा रही है।
कुलगाम मुठभेड़ में बलिदान हुए पैरा कमांडो प्रदीप कुमार निवासी जींद (हरियाणा) और प्रवीण प्रभाकर निवासी महाराष्ट्र को सेना व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को श्रद्धांजलि दी।
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