'भारत में साइबर घोटाले का बहुत बड़ा नेटवर्क',









 Digital Arrest ईडी ने डिजिटल अरेस्ट के एक मामले में चार्जशीट दाखिल किया है जिसमें जांच एजेंसी ने आठ लोगों को आरोपी बनाया है। एजेंसी ने बताया कि जांच के दौरान भारत में साइबर घोटालों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क पाया गया। इसके अलावा और भी कई अहम खुलासे एजेंसी ने साइबर फ्रॉड को लेकर किए हैं। पढ़ें ईडी ने क्या-क्या कहा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 'डिजिटल अरेस्ट' के खतरे से बचने का आग्रह किए जाने के बाद जांच एजेंसियों ने कार्रवाई तेज कर दी है। इसके तहत ही ईडी ने कर्नाटक के एक मामले में आठ लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें धोखाधड़ी की रकम लगभग 159 करोड़ रुपये है।

मामले में गिरफ्तार सभी आठ आरोपित इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने एक बयान में बताया कि उसने पिछले माह बेंगलुरु की पीएमएलए अदालत में आठ आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया। जांच एजेंसी ने कहा, 'जांच में पाया गया कि भारत में साइबर घोटालों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क है, जिसमें फर्जी शेयर बाजार निवेश और डिजिटल अरेस्ट शामिल हैं, जिन्हें मुख्य रूप से फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों के जरिये अंजाम दिया जाता है।'

ज्यादा मुनाफे का दिया जाता है लालच

पिग बूचरिंग घोटाले के नाम से प्रचलित शेयर बाजार निवेश घोटाले में लोगों को उच्च मुनाफे का लालच देकर फर्जी वेबसाइटों व भ्रामक वाट्सएप ग्रुप्स का उपयोग करके लुभाया जाता है। इन भ्रामक वाट्सएप ग्रुप्स को देखने से ऐसा लगता है कि ये प्रतिष्ठित वित्तीय कंपनियों से जुड़े हैं।

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